क़ाज़िम जलाली का कहना है कि पवित्र क़ुरआन का अनादर करके दुश्मन जो चाहता था उसको हासिल नहीं कर पाया। रूस में ईरान के राजदूत क़ाज़िम जलाली ने कहा है कि पवित्र क़ुरआन को जलाकर उसपर मुलसमानों से अतार्किक प्रतिक्रिया लेने में शत्रु विफल रहे।
उन्होंने पवित्र क़ुरआन के अनादर की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को यह जान लेना चाहिए कि इस प्रकार की निंदनीय कार्यवाहियां करके वे मुसलमानों को अतार्किक प्रतिक्रिया के लिए उकसा नहीं पाएंगे।
क़ाज़िम जलाली ने यह बात मास्को में मुहर्रम से संबन्धित कार्यक्रम में बोलते हुए कही। मास्को की ख़ातमुल अंबिया मस्जिद में उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता और इस्लामी जगत के धर्मगुरू पूरी दूरदर्शिता के साथ स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। इस मामले में वे बड़े ही सूझबूझ के साथ फैसले लेते हैं।
याद रहे कि पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान पश्चिम विशेषकर स्वीडन में इस देश की पुलिस की सहमति से मुसलमानों की पवित्र पुस्तक क़ुरआन का अनादर किया गया।
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